राम नवमी: बंगाल का अनोखा गांव जहां हर पुरुष का नाम है राम!
“राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट, अंतकाल पछताएगा जब प्राण जाएगे छूट।” वैसे तो भगवान श्री राम का नाम मात्र लेने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति भी भगवान श्री राम के नाम से ही होती है । लेकिन क्या आप जानते हैं पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा जिले में बसा ‘रामपाड़ा’ गांव अपनी अनोखी परंपरा के लिए जाना जाता है। यहां हर पुरुष का नाम भगवान राम के नाम पर होता है। इतना ही नहीं, गांव का कुलदेवता भी भगवान श्री राम हैं और यहां हर साल राम नवमी धूमधाम से मनाई जाती है।
क्या है इस अनोखी परंपरा की कहानी?
गांव के लोगों का कहना है कि करीब 250 साल पहले उनके पूर्वजों को सपने में भगवान राम आए थे। उन्होंने गांव में मंदिर बनाने और खुद को कुलदेवता मानने का आदेश दिया था। तभी से यहां हर घर में जन्मे बच्चे का नाम राम के साथ रखा जाता है।
गांव में कैसे रहते हैं लोग?
गांव के लोगों का जीवन भगवान राम के नाम पर समर्पित है। वे हर रोज भगवान राम की पूजा करते हैं और उनके नाम का जप करते हैं। यहां राम नवमी का त्यौहार बहुत ही खास होता है। इस दिन पूरे गांव को सजाया जाता है और भगवान राम की भव्य आरती उतारी जाती है।
कैसे पहुंचें रामपाड़ा गांव?
हवाई मार्ग: गांव का नजदीकी हवाई अड्डा कोलकाता का नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यहां से आप टैक्सी, बस या ट्रेन से बांकुड़ा पहुंच सकते हैं।
रेल मार्ग: कोलकाता से बांकुड़ा तक नियमित रूप से ट्रेनें चलती हैं।
सड़क मार्ग: बांकुड़ा सड़क मार्ग से कोलकाता और आसपास के शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
यह गांव उन लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है जो भगवान राम के प्रति श्रद्धा रखते हैं।अगर आप कभी पश्चिम बंगाल घूमने जाएं तो रामपाड़ा गांव जरूर देखें।
।। जय श्री राम ।।